Wednesday, December 8, 2010

नज़र में तो नहीं .. .


देखें जो सब तरफ .. आईने तमाम हैं ..
कमाल ये के ...चेहरा हमें दिखता क्योँ नहीं ...!!
बढ़के जो आये हम तक.. कितने सलाम हैं ..
कमाल ये के.. वो कदरदान हमें दिखता क्योँ नहीं ..!!
इज़हार -ऐ- मोहब्बत ..वादा है सदियों का ...
कमाल ये के एक  पल भी  ... साथ टिकता क्योँ नहीं ..!!
हमराज़ ..हमसफ़र .. कहने की बात है..
एक हमजुबां ...बमुश्किल.. मिलता  क्योँ नहीं ..!!
ये शबाब ..ये महफ़िल... ये दिलकश  नज़ारे...
कोई  खामोश मंज़र ..बहकता क्योँ नहीं ...!!
साँसों की कड़ी ...उलझी है बड़ी...
मेरे जीने का सबब ... कोई समझता क्योँ नहीं !!


2 comments:

  1. Thank you sooo very much Mr Dead man walks... really appreciate your comment...sorry for such a late reply...

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